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12-05-1948 - Independence of Kashmir and the historical message of Sardar Patel (कश्मीर की स्वतंत्रता और सरदार पटेल का ऐतिहासिक संदेश)

कश्मीर की स्वतंत्रता और सरदार पटेल का ऐतिहासिक संदेश

12 मई 1948 को, कश्मीर में स्वतंत्रता समारोह की पूर्व संध्या पर, भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने मसूरी से देश की भावी पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया। यह वह समय था जब कश्मीर एक जटिल और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा था। सरदार पटेल, जो उस समय स्वास्थ्य कारणों से समारोह में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, ने अपने संदेश में कश्मीर के संघर्ष, एकता और भविष्य के लिए अपनी आशाओं को व्यक्त किया।

सरदार पटेल का संदेश और उनका स्वास्थ्य


मार्च 1948 में हृदयघात का सामना करने के बाद, चिकित्सकों की सलाह पर सरदार पटेल को मसूरी में रहना पड़ा। उन्होंने अपने संदेश में कहा, "मैं कश्मीर के स्वतंत्रता समारोह में उपस्थित होकर बहुत प्रसन्न होता, किंतु चिकित्सकों के परामर्श के कारण मुझे इतनी दूर रहकर ही इस समारोह को देखने से संतोष करना पड़ रहा है।" उनकी यह भावना दर्शाती है कि भले ही वह शारीरिक रूप से वहां मौजूद नहीं थे, उनका मन और आत्मा कश्मीर की जनता के साथ थी।

कश्मीर का संघर्ष और उत्तरदायी सरकार

1948 में कश्मीर एक कठिन परिस्थिति का सामना कर रहा था। एक ओर शत्रु ताकतें थीं, जो कश्मीर की शांति और समृद्धि को खतरे में डाल रही थीं, तो दूसरी ओर कश्मीर की जनता अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही थी। सरदार पटेल ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर में एक उत्तरदायी सरकार की स्थापना, जिसमें शेख अब्दुल्ला को मेहर चंद महाजन की जगह प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, एक महत्वपूर्ण कदम था।

शेख अब्दुल्ला ने 27 अप्रैल 1948 को सरदार पटेल को लिखे पत्र में उल्लेख किया था कि "इस राज्य की जनता ने एक लंबे और कड़े संघर्ष के बाद जम्मू व कश्मीर में एक उत्तरदायी सरकार की स्थापना कर ली है।" यह कथन कश्मीर की जनता के दृढ़ संकल्प और उनके संघर्ष की ताकत को दर्शाता है।

भूतकाल की कड़वाहट को भुलाकर भविष्य की ओर

सरदार पटेल ने अपने संदेश में भूतकाल की कड़वाहट को भुलाकर वर्तमान के मित्रतापूर्ण संबंधों और भविष्य के गौरवशाली विकास पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा, "हमें भूतकाल की कड़वाहट की झलक को वर्तमान के हर्षित और मित्रतापूर्ण संबंधों के सामने प्रदर्शित नहीं करना चाहिए।" यह संदेश न केवल कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एकता और सहयोग का प्रतीक था।

उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान हुए संघर्षों का भी जिक्र किया, जो लंबे समय तक कड़वाहट और तनाव से भरे रहे। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने अंततः सहयोग का रास्ता अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप अतीत की घृणा को मित्रता और सहयोग में बदला गया। यह उदाहरण कश्मीर के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था, जहां कठिनाइयों के बावजूद एक नई शुरुआत की उम्मीद थी।

कश्मीर के साथ भारत की एकता

सरदार पटेल का संदेश कश्मीर के लोगों के प्रति उनकी गहरी सहानुभूति और समर्थन को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "यद्यपि मैं आपके समारोह से दूर रहूंगा, लेकिन मेरा मन पूरी तरह आपके साथ होगा। हमारी पूरी सहानुभूति सदा आपके हाल के वर्षों में किए गए स्वतंत्रता संघर्ष में आपके साथ रही है।" यह कथन भारत और कश्मीर के बीच गहरे भावनात्मक और वैचारिक जुड़ाव को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और कश्मीर के बीच की मित्रता समान आदर्शों और साझा लक्ष्यों पर आधारित है। यह मित्रता न केवल अतीत के संघर्षों से मजबूत हुई है, बल्कि भविष्य में भी स्थायी और सकारात्मक संबंधों का आधार बनेगी।




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Unity – Ekta – 2 - Quotes by Sardar Patel

Ekta - Quotes by Sardar Patel


Unity : - We have to shed mutual bickerings, shed the difference of being high or low and develop the sense of equality and banish untouchability. We have to restore the conditions of Swaraj prevalent prior to British rule. We have to live like a children of the same father.

(Date : 21st January 1942, During Quit India Movement)


एकता : - हमें पारस्परिक कलह छोडना है, उच्च या निम्न होने का अंतर बहाल करना और समानता की भावना विकसित करना और अस्पृश्यता को खत्म करना है। हमें ब्रिटिश शासन से पहले स्वराज की परिस्थितियों को बहाल करना होगा। हमें एक ही पिता के बच्चों की तरह जीना है।

(दि. : २१ जनवरी १९४२, भारत छोडो आंदोलन के दौरान)

એકતા : - આપણે પરસ્પર ઝઘડાઓ કરવાનું બંધ કરવુ જોઈએ, ઉચ કે નીચા તફાવતને એક સરખો કરવાનો છે અને સમાનતાની ભાવનાનો વિકાસ કરવો જોઈએ અને અસ્પૃશ્યતાને દૂર કરવી જોઈએ. આપણે બ્રિટીશ શાસન પહેલા સ્વરાજની સ્થિતિને પુનઃસ્થાપિત કરવી પડશે. આપણે એક જ પિતાના બાળકોની જેમ જીવવું પડશે.

(તા : ૨૧ જાન્યુઆરી ૧૯૪૨, ભારત છોડો આંદોલન દરમ્યાન)

Unity - Ekta - Quotes by Sardar Patel

Ekta - Quotes by Sardar Patel


Unity : - The negligence of a few could easily send a ship to the bottom, but it required the whole-hearted co-operation of all on board; she could be safely brought to port.

(Date : 14th May 1928, To villagers of Bardoli Taluka during Bardoli Movement)



एकता : - कुछ लोगो की लापरवाही बडी आसानी से एक बडे जहाज को डुबो सक्ती है, लेकिन सब एक दिल से किये सहयोग से अगर जहाज को चलाया जाए तो उसे सुरक्षित रुपसे बंदरगाह लाया जा सक्ता है।

(दि. : १४ मे १९२८, बोरसद सत्याग्रह के दौरान)

 

એકતા : - થોડા લોકોની લાપરવાહી સરળતાથી એક મોટા જહાજને ડુબાડી શકે છે, પરંતુ બધા એકસાથે ભેગા મળીને સહકારથી જો જહાજ ચલાવવામાં આવે તો તેને આસાનીથી બંદરગાહ સુધી પહોચાડી શકાય છે. (તા : ૧૪ મે ૧૯૨૮, બોરસદ સત્યાગ્રહ દરમ્યાન)
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